🥈खेल कभी-कभी केवल मेडल नहीं देते, वे किसी प्रदेश की पहचान बदल देते हैं। यही परिवर्तन आज मध्यप्रदेश में शूटिंग के क्षेत्र में दिख रहा है। भोपाल स्थित मध्यप्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी को पहली बार करीब से देखने का अवसर प्राप्त हुआ तो स्वतः महसूस हुआ कि यह केवल एक अवसंरचना (Infrastructure) नहीं, बल्कि दूरदृष्टि, योजना और प्रतिबद्धता का साकार रूप है । वह दूरदृष्टि जो तत्कालीन खेल एवं युवक कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने प्रदेश के भविष्य के लिए देखी थी,जो अब साकार होती जा रही है।इस यूनिट में अब प्रतिदिन भविष्य गढ़ा जा रहा है।
मध्यप्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी, भोपाल की स्थापना तत्कालीन खेल एवं युवक कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के कार्यकाल में जनवरी 2007 में हुई। ताकि प्रदेश के युवाओं को निशानेबाजी (pistol, rifle, shotgun आदि) के लिए आधुनिक, विश्व-स्तरीय सुविधाएँ मिल सकें।
उन्होंने न सिर्फ राजधानी भोपाल में बल्कि उनके संसदीय क्षेत्र (जैसे शिवपुरी) में भी समान मॉडल पर अकादमी स्थापित कराने की पहल की जिससे प्रदेश के दूरदराज के हिस्सों के युवाओं को अवसर मिले।इस प्रकार, उन्होंने न सिर्फ एक इमारत बनवाई, बल्कि टैलेंट को पहचानने, उसे प्रशिक्षण देने और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने का एक मजबूत ढांचा तैयार किया।
आज, कई युवा निशानेबाज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उसी आधार (अकादमी + प्रशिक्षण) का लाभ उठा रहे हैं।
अकादमी में 10 मीटर (एयर राइफल/पिस्टल) एयर राइफल और एयर पिस्टल के लिए इंडोर रेंज ,25 मीटर (पिस्टल/राइफल) शॉर्ट रेंज ,50 मीटर 3-position rifle रेंज राइफल शूटिंग ,शॉटगन रेंज (Trap & Skeet) शॉटगन शूटिंग (trap / skeet) के लिए, जिसमें 5 ट्रैप और 8 स्कीट स्टेशन शामिल हैं।
फाइनल रेंज (Indoor, AC) भारत की पहली ऐसी इनडोर, वातानुकूलित "final range" जहाँ राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएँ, फाइनल राउंड या उच्च स्तरीय अभ्यास हो सके। अकादमी के पास करीब 220-बिस्तर का वातानुकूलित हॉस्टल है जिससे दूरस्थ जिलों के युवा भी रहकर प्रशिक्षण ले सकते हैं।
यह अकेडमी सिर्फ एक रेंज नहीं, बल्कि मुफ्त/प्रायोजित प्रशिक्षण + आधुनिक सुविधा + दूरदराज से प्रतिभाशाली युवा खोजने का पूरा ekosystem है।
विश्वस्तरीय 'अभिनव बिंद्रा 10 मीटर शूटिंग रेंज' के परिसर में कदम रखते ही प्रतीत होता है कि यह जगह केवल प्रशिक्षण के लिए नहीं, बल्कि चैंपियंस निर्माण की फैक्ट्री है। वातानुकूलित हॉल, अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक स्कोरिंग सिस्टम, आयातित राइफल-पिस्टल, 70 से अधिक पूर्ण सुसज्जित लेन्स हर कोना यह बताता है कि यशोधरा राजे ने खेल को सुविधा नहीं, मिशन समझकर विकसित किया है।
कहते हैं कि किसी जनप्रतिनिधि की सोच तभी समझ आती है जब समय उसे प्रमाणित कर दे और आज मध्यप्रदेश की शूटिंग उपलब्धियाँ इसी प्रमाण के रूप में चमक रही हैं।
भोपाल हो या शिवपुरी, दोनों जगह स्थापित शूटिंग अकादमियों से निकलने वाली प्रतिभाएँ अब सिर्फ राष्ट्रीय नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी भारत का परचम लहरा रही हैं अथवा लहरायेगी। कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप हर जगह मध्यप्रदेश के युवा निशानेबाज लगातार अव्वल आ रहे हैं। इन प्रतिभाओं के पास जो संयम, ट्रेनिंग और अवसर हैं उसका श्रेय उस सोच को जाता है जिसने अकादमी को केवल भवन नहीं, सपनों की प्रयोगशाला के रूप में बनाया।
शिवपुरी के लोगों के लिए यह कहानी और भी गर्व की है क्योंकि जब भोपाल की सफलता दिखने लगी, तब ठीक उसी मॉडल पर शिवपुरी में भी शूटिंग अकादमी स्थापित की गई। यह निर्णय बताता है कि यशोधरा राजे की दृष्टि में विकास केवल राजधानी तक सीमित न रहकर हर जिले तक पहुँचने वाली समावेशी सोच थी। आज शिवपुरी की अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे युवा, उसी आत्मविश्वास के साथ भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं कि उनका लक्ष्य ओलंपिक तक है और वह वहां तक पहुँच भी सकते हैं।
मध्यप्रदेश में शूटिंग का उभार अचानक नहीं हुआ।यह सही व्यक्ति द्वारा सही समय पर उठाए गए साहसी निर्णयों का परिणाम है। खेल बजट बढ़ाना, विदेशी विशेषज्ञों से प्रशिक्षण, चयन शिविर, टैलेंट हंट, खिलाड़ियों के लिए छात्रवृत्ति, प्रतियोगिताओं की मेजबानी हर कदम पर यशोधरा राजे सिंधिया ने यह साबित किया कि योजनाएँ तभी सफल होती हैं जब उनके पीछे ईमानदार नीयत और कड़ी मेहनत साथ-साथ चलें।
आज यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि जिस दिन देश विश्व शूटिंग परिदृश्य में नई ऊँचाइयों को छू रहा है वहाँ कहीं न कहीं मध्यप्रदेश की शूटिंग अकादमी की गूंज और यशोधरा राजे सिंधिया की दूरदृष्टि भी सुनाई देती है।
प्रदेश और देश इन प्रतिभाओं पर नाज करता है और उन लोगों पर भी जिन्हें प्रतिभा के लिए मंच, अवसर और सपने प्रदान करने का साहस होता है।
यशोधरा राजे सिंधिया का योगदान केवल इमारत बनाने तक सीमित नहीं है बल्कि उन्होंने मध्यप्रदेश को प्रतिभाओं को पहचानने, संवारने और विश्व विजेता बनाने की क्षमता दी है।
आज अकादमी के हर लक्ष्य-पटल (Target Board) पर चमकता हुआ हर स्कोर
उनकी सोच की जीत का निशान है।


